कौन चाहता है यहाँ
कौन रुकता है यहाँ
कौन दीखता है यहाँ
आते और जाते लोग यहाँ
ऐसे दीवानों की बस्ती और कहाँ !!!!!!!!
कुछ पाने की होड़ में
सब रिस्तों की जोड़ में
मन की जोड़-तोड़ में
मिल जाते हैं लोग यहाँ
ऐसे अरमानों की बस्ती और कहाँ !!!!!!!
ख़ुद को आगे बढ़ाने के लिए
अपने किया गुनाहों को छिपाने के लिए
हर किसी को छलने के लिए
रहते हैं तैयार लोग यहाँ
ऐसे बेईमानों की बस्ती और कहाँ !!!!!!!
चुप है जुबान बुरे से डरकर
झुका है सर सच्चाई को
शर्मसार है इंसानियत अपना वजूद जानकर
रहते हैं ऐसे लोग यहाँ
ऐसे इंसानों की बस्ती और कहाँ !!!!!!!!!!
कौन दीखता है यहाँ
आते और जाते लोग यहाँ
ऐसे दीवानों की बस्ती और कहाँ !!!!!!!!
कुछ पाने की होड़ में
सब रिस्तों की जोड़ में
मन की जोड़-तोड़ में
मिल जाते हैं लोग यहाँ
ऐसे अरमानों की बस्ती और कहाँ !!!!!!!
ख़ुद को आगे बढ़ाने के लिए
अपने किया गुनाहों को छिपाने के लिए
हर किसी को छलने के लिए
रहते हैं तैयार लोग यहाँ
ऐसे बेईमानों की बस्ती और कहाँ !!!!!!!
चुप है जुबान बुरे से डरकर
झुका है सर सच्चाई को
शर्मसार है इंसानियत अपना वजूद जानकर
रहते हैं ऐसे लोग यहाँ
ऐसे इंसानों की बस्ती और कहाँ !!!!!!!!!!