Tuesday, November 10, 2009
बीते पल
कुछ तो बात थी उन राहों की
कुछ तो साथ थी उन बाँहों की
कुछ तो महक थी उन सासों की
आज भी चले आते हैं याद उन दिनों की
किसी के चाहत में ख़ुद को भुलाना
कुछ उसकी सुनना, कुछ अपनी सुनाना
कैसे भुला दें हम वो बिता हुआ जमाना
बहुत मुश्किल है उन यादों को मिटाना
एक चाहत थी उन रातों में
एक जादू था उन बातो में
एक सपना था उन आखों में
संजोय रखें हैं उन पलों को दिल में
आज के साथ से , रोज की बात से
कुछ रुके हुए पल से, ख्वाबों की दुनिया से
एक कसक सी होती है दिल में उन
बीते पलों की यादों से
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स्वागत है आपका!!
ReplyDelete-सुलभ (यादों का इंद्रजाल)
Kya baat hai..sundar rachna..swagat hai!
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
http://baagwaanee-thelightbyalonelypath.blogspot.com
वाह !
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढ़े और अपनी बहुमूल्य
टिप्पणियां करें
yaden kabhi jati nahin .
ReplyDeletenarayan narayan
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